इंतज़ार है ! अब भी तुम्हारा !!
क्यों ?
क्या कभी वापस आओगे ?
फिर भी एक अकल्पनीय चीज़ की मैं क्यों कल्पना करता हूँ ?
आज भी आधी रात के बाद जब दरवाज़ा बोलता है ,
अपनी पढाई से एकदम ध्यान टूटता है,
"आ गए क्या टूर से"
हाँ टूर ही पर तो गए हो और वोह भी बहुत लम्बे ,
अब भी जब भोर के वक्त जब एक रिक्शेवाला अपनी घंटी की आवाज़ से उठता है,
फिर मन में एक हूक सी उठती है,
"प्रयागराज का समय हो गया है "
कभी कभी पढ़ते पढ़ते जब मन अपने में खो जाता है और एक कठिन शब्द आता है
तो मन अन्दर से एकदम से बुदबुदाता है ---
"पापा जरा इस शब्द का मतलब तो ........."
सुबह से ले कर रात तक के चाय के दौर ,
घर से निकलने के पहले की राधास्वामी,
मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे और चर्च के आगे सर झुकाना,
शेव् के समय की बातें,
नाश्ते के वक्त की बातें,
रात, दिन, सुबह, शाम
बातें ही बातें,
वही सारे शब्द एक बार फिर गूँज उठते हैं,
एक बार फिर दरवाज़े पर आवाज़ होती है,
शायद भिकारी है,
नज़र उठता हूँ तो बोलते हैं
"मेरे पोकेट में फुटकर होगा "
सामने देखता हूँ तो मानो कह रहे हो -
"जो भी हो दे दो, खाली नहीं जाना चाहिए "
उसे पैसे देने के बाद लगता है,
जो पाने की कोशिश कर रहा हूँ,
वो है मेरे पास,
हाँ वो हैं मेरे पास,
अब इंतज़ार नहीं है उनका,
क्योंकि वो मुझे मिल गए हैं,
मुझमें मिल गए हैं,
वो मेरे पास हैं,
हम एक हैं !!!
क्यों ?
क्या कभी वापस आओगे ?
फिर भी एक अकल्पनीय चीज़ की मैं क्यों कल्पना करता हूँ ?
आज भी आधी रात के बाद जब दरवाज़ा बोलता है ,
अपनी पढाई से एकदम ध्यान टूटता है,
"आ गए क्या टूर से"
हाँ टूर ही पर तो गए हो और वोह भी बहुत लम्बे ,
अब भी जब भोर के वक्त जब एक रिक्शेवाला अपनी घंटी की आवाज़ से उठता है,
फिर मन में एक हूक सी उठती है,
"प्रयागराज का समय हो गया है "
कभी कभी पढ़ते पढ़ते जब मन अपने में खो जाता है और एक कठिन शब्द आता है
तो मन अन्दर से एकदम से बुदबुदाता है ---
"पापा जरा इस शब्द का मतलब तो ........."
सुबह से ले कर रात तक के चाय के दौर ,
घर से निकलने के पहले की राधास्वामी,
मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे और चर्च के आगे सर झुकाना,
शेव् के समय की बातें,
नाश्ते के वक्त की बातें,
रात, दिन, सुबह, शाम
बातें ही बातें,
वही सारे शब्द एक बार फिर गूँज उठते हैं,
एक बार फिर दरवाज़े पर आवाज़ होती है,
शायद भिकारी है,
नज़र उठता हूँ तो बोलते हैं
"मेरे पोकेट में फुटकर होगा "
सामने देखता हूँ तो मानो कह रहे हो -
"जो भी हो दे दो, खाली नहीं जाना चाहिए "
उसे पैसे देने के बाद लगता है,
जो पाने की कोशिश कर रहा हूँ,
वो है मेरे पास,
हाँ वो हैं मेरे पास,
अब इंतज़ार नहीं है उनका,
क्योंकि वो मुझे मिल गए हैं,
मुझमें मिल गए हैं,
वो मेरे पास हैं,
हम एक हैं !!!
gr8. treasure that none can take away.
जवाब देंहटाएंVinu baba Gr8 job. Is raftar se 2011 tak tumhari likhi lekhni sheegra prakashmay hogi.
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